कैसी होती है ज़िंदगी लिवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के बाद ?


लिवर ट्रांसप्लांट के बाद ज़िंदगी कैसी होगी ?

किसी भी लिवर रेसिपीयंट का ठीक होना उसकी बीमारी की गम्भीरता पर निर्भर करता है। ऑपरेशन की सफलता इसपर भी निर्भर करती है की रोग का निदान किस स्टेज पर हुआ था। जिन मरीज़ों की बीमारी स्थिर थी और जो ऑपरेशन के पहले सक्रिय ज़िंदगी बिता रहे थे उनका ऑपरेशन सफल होने की संभावना उन मरीज़ों से ज़्यादा है जो ऑपरेशन के पहले आइ॰सी॰यू में भर्ती थे और बहुत बीमार थे। आमतौर पर लिवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन का कुल सफलता दर ९०-९५ प्रतिशत है। 

१) सिरोसिस के मरीज़ों के लिए लिवर ट्रांसप्लांट के बाद औसतन रिकवरी समय दो से तीन महीने का होता है। ज़्यादातर लोग तीन महीनों के भीतर अपने काम पर लौट जाते हैं और एक सामान्य ज़िंदगी जीने लगते हैं। बच्चे तीन महीने के बाद अपने स्कूल वापिस जा सकते हैं और पढ़ाई शुरू कर सकते हैं ।

२) ज़्यादातर मरीज़ ऑपरेशन के बाद ३-४ महीनों में कार चलाना शुरू कर सकते हैं । स्कूटर या मोटरसाइकल चलाना ६ महीनों में शुरू किया जा सकता है। 

३) ऑपरेशन के दो या तीन महीने बाद ट्रेन या प्लेन में सफ़र किया जा सकता है। 

४) मरीज़ जब भी अपने आपको स्वस्थ महसूस करता है तो वो अपने पार्ट्नर के साथ शारीरिक सम्बंध बनाना शुरू कर सकता है। ज़्यादातर लिवर रेसिपीयंट ३-६ महीनों में शारीरिक सम्बंध बनाना शुरू कर देते हैं। 

५) लिवर ट्रांसप्लांट के बाद के पहले तीन महीनों में वॉकिंग (टहलना / पैदल चलना) ही सबसे अच्छा व्यायाम समझा जाता है । मरीज़ों को पहले छह महीनों में किसी भी प्रकार के कठोर व्यायाम करना और भारी वजन उठाना मना किया जाता है। 

६) स्विमिंग ( तैराकी ) शुरू करने के लिए कम से कम छह महीने इंतज़ार करना चाहिए। 

७) ऑपरेशन के बाद शुरुआत के तीन से छह महीनो में पालतू जानवरों के सम्पर्क में आना और बाग़वानी करना मना है। 

८) लिवर ट्रांसप्लांट के बाद शराब पीना पूरी तरह से वर्जित है। किसी भी तरह की और किसी भी मात्रा में शराब नए प्रत्यारोपित लिवर को नुक़सान पहुँचा कर फिर से ख़राब कर सकती है। इसी तरह ट्रांसप्लांट के बाद धूम्रपान करने से फेफड़ों में नए इन्फ़ेक्शन होने का ख़तरा बढ़ जाता है। 

लिवर ट्रांसप्लांट के बाद सिरोसिस की वजह से होने वाली जटिलताएँ पूरी तरह से ठीक हो जाती हैं। इनमें भूख ना लगना, शरीर में ऊर्जा की कमी, पीलिया, पेट में पानी, पैरों की सूजन, किड्नी में सूजन, खून की उल्टी/काली संडास और भ्रम / ज़्यादा नींद आना शामिल है। मरीज़ धीरे- धीरे अपनी रूटीन ज़िंदगी बिताना शुरू कर देते हैं। अगर सावधानी रखी गयी और अपने डॉक्टरों के बताए अनुसार दवाइयाँ लीं और फ़ॉलोअप किया तो नया लिवर आपका सारी ज़िंदगी साथ दे सकता है। 

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